Sunday, March 27, 2011

HC notice to Centre on NCPUL Director and he resorted to physical attack and public humiliation of the petitioner: register a strong protest against the highhanded behaviour nearing physical assault towards a gentleman on the premises of NCPUL


HC notice to Centre on NCPUL Director and he resorted to physical attack and public humiliation of the petitioner: register a strong protest against the highhanded behaviour nearing physical assault towards a gentleman on the premises of NCPUL






Tuesday, March 15, 2011

Information under RTI Act 2005 with the request of perusal and immediate action



The Prime Minister of India,
PMO, South Block,
Raisina Hill, New Delhi 11

Sub: Information under RTI Act 2005 with the request of perusal and immediate action
माननीय प्रधान मंत्री ,

 महाशय  ,
आपकी सरकार ने उर्दू की सबसे बड़ी संस्था NCPUL     का निर्देशक एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जो उसी संस्था में करोड़ों रूपये की हेरा फेरी कर चूका था !इस फैसले का विरोध पूरे उर्दू जगत ने किया .मगर सिब्बल ने उस चोर को हटाने में दिल चस्पी नहीं ली .उस का जितना विरोध किया गया उन में से कुछ का व्योरा यहाँ देख सकते हैं  www.authorsanjuman.wordpress.com   ,और तो और 27 July2009 को इसको हटाने केलिए  19   सांसदों ने सिब्बल को पत्र लिखा मगर सिब्बल उस भ्रष्ट व्यक्ति (भट्ट)को सुरक्षा प्रदान करते रहे!इन सांसदों ने उसके दो तीन महीने बाद दोबारह श्री सिब्बल को पत्र लिखा और उस भ्रष्ट व्यक्ति का विरोध करते हुए NCPUL के 4  मेम्बरों ने अपना पद त्याग दिया मगर सिब्बल उसे सुरक्षा प्रदान करते रहे 18-01-2010 को श्री जावेद रहमानी ने इस की शिकायत राष्ट्रपति को पत्र लिख का की और राष्ट्रपति ने उनकी शिकायत संख्या P1-D/15599 मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दी मगर कुछ नहीं हुआ !उसके बाद श्री मनोज कुमार झा ने आपके कार्यालय  को पत्र लिखा और यह पत्र  PMO ID No,1/3/2010-PMP1/131998 dated 16-03-2010 भी  मानव संसाधन विकास मंत्रालय को श्री आर .के .दास ने भेज दिया मगर श्री सिब्बल अपने छोटे छोटे निजी लाभ में मगन रहे और आपकी सरकार की छवि धूमिल होती रही ,इसके बाद श्री जावेद रहमानी ने आपके कार्यालय से शिकायत की और भट के भ्रष्ट व्यवहारों के बारे में विस्तार से लिखा यह पत्र  PMO ID No.1/3/2010-PMP1/121083 dated 19-02-2010भी उचित कार्यवाही हेतू श्री दास ने  मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिया ,मगर  मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुछ नहीं किया !  और पिछली  9 Feb2011 को तो उसके खिलाफ जन हित याचिका(PIL) दायर की गई और जिस व्यक्ति यानी भट  ने अवैध रूप से निर्देशक के पद पर 13  साल से क़ब्ज़ा किया हुआ है ,जिसके विषय में मंत्रालय द्वारा गठित कमिटी(Goyal Committee) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उसकी शैक्षणिक योग्यता उस पद योग्य नहीं थी और उसे अवैध रूप से नियुक्त किया गया ,जिसके खिलाफ CBI   की जाँच अपने अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंची और जारी है ,जिसके विषय में मंत्रालय में भी जाँच चल रही है !उस व्यक्ति को CBI   द्वारा गिरफ्तार किये जाने का सिला यह दिया गया कि उसे एक और अतिरिक्त पद मंत्रालय में दिया गया और April 2009   में उस पद पर भी भेज दिया गया जहां से   CBI  ने उसे गिरफ्तार किया था !और सारा भारत विरोध कर्ता रहा मगर सिब्बल ने उसके खिलाफ कुछ नहीं किया इस लिए अब उसका हौसला इतना बढ़ गया है कि उसने12 Feb 2011  को याचिका कर्ता से मार पीट की और उन्हें यानी श्री जावेद रहमानी को  जान से मारने की धमकी दी !उसकी इस हरकत की निंदा करते हुए श्री सिब्बल को इन लोगों ने पत्र लिखा ,
1.Shri S.N.Malakar  Professor CAS/SIS/JNU,New Delhi
2.Shmt.Meenakshi Sundnyal  Assist.Professor CSPILAS/SLL&CS/JNU New Delhi
3.Shmt.Anuradha Chenoy   Professor CRCAS/SIS/JNU,New Delhi
4.Shri.Kamal Mitra Chenoy  Professor CCP&PT/SIS/JNU,New Delhi
5.Shri.Phool Badan  Professor CR&CAS/SIS/JNU,New Delhi
6.Shri.C.Sadasiva Assist. Professor Dayal Singh College Delhi
7.Shri.Ajay Patnaik  Professor SIS/JNU,New Delhi
8.Shri.Shameem Faizee Editor New Age &Gen.Sec.CPI
9.Shri Khalid Alvi   Assist. Professor Zakir Husain Morning College Delhi
10.Shri.Jameel Manzar  Gen.Sec. Mohamdan Sporting Club,Kolkata
11.Shri. Professor M.Aslam Islahi  Chairperson CAAS/SLL&CS,JNU, New Delhi


और उसे तुरंत उस पद से हटाने को कहा .मगर सिब्बल को इस व्यक्ति से पता नहीं कौन सा ऐसा लाभ पहुँच रहा है कि उसके लिए वह सब की अनदेखी कर रहे हैं और इस संस्था का उपयोग अपने निजी लाभ के लिए कर रहे हैं !मुझे सूचना के अधिकार के अंतर्गत एक तो यह बताया जाये कि प्रधान मंत्री के कार्यालय के आदेश की अनदेखी करने पर 1- क्या श्री सिब्बल से कोई जवाब तलब किया गया ?2-या प्रधान मंत्री का  कार्यालय सिर्फ शिकायत  मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज कर निश्चिन्त हो गया ?अगर हाँ तो हम अपने शासन तंत्र से क्या उम्मीद रखें ?यही कि श्री सिब्बल द्वारा इतनी छूट पाने वाला यह गुण्डा जब  जन हित याचिका कर्ता की जान ले लेगा तो आपका कार्यालय खेद प्रकट करके अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जायेगा ?
दुसरे  मानव संसाधन विकास मंत्रालय से यह पता करके बताया जाये कि इस के विरुद्ध आज तक जो शिकायतें आती रही हैं जिन में से केवल कुछ का व्योरा  www.authorsanjuman.wordpress.com  & www.cfess.blogspot.com पर मौजूद है उन में से किन किन शिकायतों पर  मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने क्या क्या किया ?और यह भी कि जन हित याचिका कर्ता पर हमले की निंदा करते हुए जो पत्र श्री सिब्बल को भेजा गया उस पर क्या कार्यवाही की गयी ?
३.जिन दिनों भट के खिलाफ जन हित याचिका दायर की गयी उन्हीं दिनों यानी 6 Feb 2011 को एक ऐसी संस्था (हरमैन सोसाईटी )द्वारा श्री सिब्बल ने भट को एवार्ड दिया ,यह देखे बिना कि यह प्रोग्राम NCPUL की फंडिंग से किया गया अतः इस में NCPUL के tainted निर्देशक को एवार्ड(Award) देना अपने आप में अवैध और सरकारी पैसे से निजी लाभ अर्जित करने जैसा है ,और फिर हरमैन सोसाईटी ने उर्दू के छेत्र में कोई काम नहीं किया अतः यह उर्दू के बारे में कुछ कहने योग्य नहीं ,इन सब बातो को छोड़ दे तो भी प्रश्न यह उठता है कि इस प्रोग्राम और एवार्ड(AWARD) द्वारा क्या सिब्बल यह पैग़ाम देना चाहते थे कि वह उस भ्रष्ट व्यक्ति के साथ हैं ?
४ .कौमी उर्दू काउन्सिल की  मासिक पत्रिका उर्दू दुनिया है उस के Agust 2009,September 2009,May 2010,July 2010,September 2010 ,January 2011,Feb2011 &March 2011   के अंको में श्री सिब्बल की तस्वीरे छपी हैं ,हम जानते हैं कि उर्दू साहित्य से श्री सिब्बल का कोई लेना देना नहीं ,तो इन तस्वीरों के इस पत्रिका में प्रकाशित करने की मंशा क्या है ?और क्या श्री सिब्बल की आज्ञा से उनके निजी हित के लिए इन सरकारी पैसो का इस तरह  उपयोग किया गया है ?या कही श्री सिब्बल ने उस भ्रष्ट व्यक्ति को जो सुरक्षा दे रखी है यह उसकी कीमत तो नहीं ?
मेरे इन तमाम प्रश्नों का उत्तर सूचना के अधिकार के अंतर्गत दिया जाये जिसके लिए १० रूपये का पोस्टल आर्डर संलग्न है और जवाब देने के साथ साथ कार्यवाही भी की जाये ताकि हमारे लोकतंत्र की मर्यादा सुरक्षित रहे और प्रधान मंत्री कार्यालय का आदर और सम्मान भी !


अब्दुल वदूद
सचिव उर्दू पत्रकार संघ